पतंजलि योगपीठ की लीज कराने वाले अफसरों पर केस

सोलन। साधुपुल स्थित बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ की लीज करवाने वाले तत्कालीन राजस्व अधिकारियाें और कर्मचारियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। इसमें जिला स्तर के कई बडे़ अधिकारी शामिल हैं। आरोप है कि उन्होंने पतंजलि योगपीठ के लिए गांव चौहाड़ा (कंडाघाट) के लिए सरकार से अनुमति दिलाई थी। मगर पतंजलि योगपीठ दूसरे गांव कैहलोग में लगाया गया। इसमें राजस्व अधिकारियों ने पतंजलि योगपीठ के अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके रिकार्ड में हेराफेरी की तथा जमीन को सरकार से मंजूर करवाने के लिए प्रस्ताव सरकार को प्रेषित किया और लीज पर हासिल कर लिया। वहीं, कैहलोग में जिस जमीन पर पतंजलि योगपीठ बनाया गया है, वह प्रोजेक्ट लगाने के लिए चिह्नित नहीं हुई थी। उन्होंने एक्ट 1974 का उल्लंघन किया है।
इस संदर्भ में 23 फरवरी 2013 को एक शिकायत पत्र जिलाधीश सोलन को दिया गया था। मामले की जांच उप अधीक्षक सोलन ने की। उन्होंने जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंप दी है। सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भादंसं और 13(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि, अभी तक किसी भी अधिकारी के नाम से मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है। मामले की पुष्टि पुलिस अधीक्षक सोलन डा. रमेश छाजटा ने की है। उन्होंने बताया कि इसमें जिला राजस्व अधिकारी से लेकर पटवारी तक जांच के दायरे में है। आगामी छानबीन के बाद मामले में संलिप्त अधिकारियों को नामजद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की संख्या 6 से अधिक हो सकती है। इसमें जिला राजस्व अधिकारी से पटवारी तक शामिल हैं।

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